छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने नए साल से घायल और बीमार पशुओं के लिए एम्बुलेंस सुविधा सेवा शुरू करने की परियोजना बनाई है। जिसके तहत स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत लोकसभा सांसद रमेश बैस की अनुशंसा पर बीमार, घायल पशुओं के एम्बुलेंस के लिए 9.30 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला रायपुर को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है। जैम के जरिए जल्द ही खरीदारी होगी।
रिंग रोड में देर रात तक पशुओं का ट्रक या अन्य भारी वाहनों के चपेट में आने से लगातार घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में कुछ पशु समय पर इलाज नहीं होने के कारण भी दम तोड़ देते हैं। ऐसे में प्रशासन का यह कदम प्रभावी होगा। राज्य में हादसों में घायल गायों को अस्पताल पहुंचाने के लिए दस जिलों में एम्बुलेंस सेवा शुरू की जानी है। बीमार, घायल पशुओं के एम्बुलेंस के लिए प्रशासकीय स्वीकृति का क्रम जारी है।
राज्य में लगभग 90 लाख गौवंशीय पशु हैं। मुख्यमंत्री ने देश में खेती के मशीनीकरण की वजह से गौवंश आधारित अर्थव्यवस्था के प्रति लोगों का रुझान कम होने पर चिन्ता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि जैविक खेती और गोबर गैस के इस्तेमाल से गौ-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने जुलाई में छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग द्वारा गौ-आधारित जैविक कृषि एवं ग्राम विषय पर राज्य स्तरीय व्याख्यानमाला में कहा था कि गौसेवा में ग्रामीणों की भागीदारी के कारण छत्तीसगढ़ में गोवंश की सघनता देश में सबसे ज्यादा है।
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